tag:blogger.com,1999:blog-6335746945921478050.post9091915740538775181..comments2023-10-12T05:32:18.282-07:00Comments on Amitabh Bachchan BigB: सीरियल धमाकों पर मीडिया पर बरसे बिग बीMahendrahttp://www.blogger.com/profile/14551960144412101177noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6335746945921478050.post-73353967047331140392011-07-18T12:18:01.631-07:002011-07-18T12:18:01.631-07:00बच्चन साहब नमस्कार, मेरी अवधी की खुशबू से भीगी एक ...बच्चन साहब नमस्कार, मेरी अवधी की खुशबू से भीगी एक रचना है रामचरितमानस पर आधारित जिसका पाठ आपके बाबूजी नियमित रूप से करते थे, सोचा आपको दिखाऊँ आप पसंद करेंगे...<br />गोस्वामी तुलसीदास जी के रामचरितमानस की चौपाइयों से प्रेरणा लेते हुए प्रस्तुत है आज की सरकार पर आधारित सरकारचरितमानस। आशा है आप सबको पसंद आएगी -<br />महँगाई काण्ड :<br />महंगाई चली जाय अकाशा, मनमोहन बस देहिं दिलासा॥<br />मानुष देखहिं रोके सांसा, घर-गृहस्थी सत्यानासा॥<br /><br />२ जी काण्ड :<br />लक्ष कोटि एक काण्ड निराला, धूल धूसरित देश दिवाला॥<br />राजा नाम मंत्री काला, नीरा सह मिलि किहेस घोटाला ॥<br /><br />रामदेव काण्ड :<br />देखि देश मा भ्रष्टाचारा, चढ़ा योग गुरु कै पारा॥<br />पहुंचे दिल्ली झंडा गाड़ा, पढ़य लाग सरकार पहाड़ा॥<br />पठयेस कपिल-प्रणव एक साथा, दुइनव प्रबल वकीली माथा॥<br />प्रथम विनय फिरि शक्ती झाडेन, पुलिस लाय सब काम बिगाड़ेन॥<br /><br />लोकपाल काण्ड :<br />देखि भ्रष्ट मंत्री अरु तंत्रा, अन्ना लेहेन विकट एक मंत्रा॥<br />लोकपाल बिल नाम अपारा, एहिमा लावो सब सरकारा॥<br />लगी घुमावय जंतर-मंतर, अन्ना पर कौनव नहिं अंतर॥<br /><br />मुंबई बम काण्ड :<br />फूटे बम मुम्बई त्रस्त, नेतागण बयान महं मस्त॥<br />मनमोहन कहैं मृत्यु अटल, राहुल कहैं नहीं कोई हल॥विशाल चर्चित (Vishal Charchit)https://www.blogger.com/profile/11649442567545680984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6335746945921478050.post-56865580203125460192011-07-14T08:55:24.210-07:002011-07-14T08:55:24.210-07:00आतंकवादी बम धमाकों पर...
न जाने कौन से वो दिल हैं ...आतंकवादी बम धमाकों पर...<br />न जाने कौन से वो दिल हैं जो<br />दिलों के चीथड़े उड़ाया करते हैं,<br />इधर उज़ड़ती हैं जिंदगियां<br />उधर ठहाके लगाया करते हैं....<br /><br />वो आंखें हैं कि शीशा हैं<br />कि उनमें मर चुका पानी,<br />इधर होता है अँधेरा<br />उधर वो जश्न मनाया करते हैं...<br /><br />न जाने क्या वो खाते हैं<br />न जाने क्या वो पाते हैं<br />न जाने कौन सी दुनिया से<br />वो आया - जाया करते हैं...<br /><br />मिले जो ईश्वर तो उससे<br />होगा ये सवाल अपना<br />कि पैदा होते ही ये दरिन्दे<br />क्यों नहीं मर जाया करते हैं...विशाल चर्चित (Vishal Charchit)https://www.blogger.com/profile/11649442567545680984noreply@blogger.com