सुईं से लिखी मधुशाला""
वालों कि ऑंखें खुली रह जाएगी और न देखने वालों के लिए एक स्पर्श मात्र
ही बहुत है I
दादरी वाला दुनिया में भारत का नाम, "मिरर इमेज" में "श्री मदभाग्व्द
कथा" यह दुनिया की अभी तक की पहली ऐसी पुस्तक (ग्रन्थ) जो शीशे में देखकर
पढ़ी जाएगी अब तक दुनिया में ऐसा नहीं हुआ है दादरी वाले ने सभी १८ अध्याय
६०० शलोको दोनों भाषाओँ हिंदी व् अंग्रेजी में लिख, रोशन किया है I इसके
अलावा दादरी वाला संस्कृत में श्री दुर्गा सप्त शती, अवधि में सुन्दर
कांड, आरती संग्रह , हिंदी व् अंग्रेजी दोनों भाषाओ में श्री साईं
सत्चरित्र भी लिख चुके हैं I
कथा" यह दुनिया की अभी तक की पहली ऐसी पुस्तक (ग्रन्थ) जो शीशे में देखकर
पढ़ी जाएगी अब तक दुनिया में ऐसा नहीं हुआ है दादरी वाले ने सभी १८ अध्याय
६०० शलोको दोनों भाषाओँ हिंदी व् अंग्रेजी में लिख, रोशन किया है I इसके
अलावा दादरी वाला संस्कृत में श्री दुर्गा सप्त शती, अवधि में सुन्दर
कांड, आरती संग्रह , हिंदी व् अंग्रेजी दोनों भाषाओ में श्री साईं
सत्चरित्र भी लिख चुके हैं I
दादरी वाला ने पूछने पर बतया कि आपने सुई से पुस्तक लिखने का विचार क्यों
आया ? तो दादरी वाला ने बताया कि अक्सर मेरे से ये पूछा जाता था कि आपकी
पुस्तको को पढने के लिए शीशे क़ी जरुरत पड़ती है, पदना उसके साथ शीशा,
आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ
लिखा जाये सो मेने सूई से स्वर्गीय श्री हरबंस राय बच्चन जी की विश्व
प्रसिद्ध पुस्तक "मधुशाला" को करीब २ से २.५ महीने में पूरा किया यह
पुस्तक भी मिरर इमेज में लिखी गयीं है और इसको पदने लिए शिसे की जरुरत
नहीं पड़ेगी क्योंकि रिवर्स में पेज पर शब्दों इतने प्यारे जेसे मोतियों
से पेजों को गुंथा गया हो I उभरे हुए हैं जिसको पदने में आसानी है और यह
सूई से लिखी "मधुशाला" दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर
इमेज व् सूई से लिखी गई है और इसका श्रेय भारत के दादरी कसबे के निवासी
'पीयूष दादरी वाला' को जाता है I
आया ? तो दादरी वाला ने बताया कि अक्सर मेरे से ये पूछा जाता था कि आपकी
पुस्तको को पढने के लिए शीशे क़ी जरुरत पड़ती है, पदना उसके साथ शीशा,
आखिर बहुत सोच समझने के बाद एक विचार दिमाग में आया क्यों न सूई से कुछ
लिखा जाये सो मेने सूई से स्वर्गीय श्री हरबंस राय बच्चन जी की विश्व
प्रसिद्ध पुस्तक "मधुशाला" को करीब २ से २.५ महीने में पूरा किया यह
पुस्तक भी मिरर इमेज में लिखी गयीं है और इसको पदने लिए शिसे की जरुरत
नहीं पड़ेगी क्योंकि रिवर्स में पेज पर शब्दों इतने प्यारे जेसे मोतियों
से पेजों को गुंथा गया हो I उभरे हुए हैं जिसको पदने में आसानी है और यह
सूई से लिखी "मधुशाला" दुनिया की अब तक की पहली ऐसी पुस्तक है जो मिरर
इमेज व् सूई से लिखी गई है और इसका श्रेय भारत के दादरी कसबे के निवासी
'पीयूष दादरी वाला' को जाता है I
इसके अलावा दादरी वाला संग्रह के भी शोकिन हैं उनके पास माचिसों का
संग्रह, सिगरेटों के पैकेटों का संग्रह, दुर्लभ डाक टिकटें, दुर्लभ
सिक्कों का संग्रह, प्रथम दिवस आवरण, पेन संग्रह व् विश्व प्रसिद्ध
व्यक्तियों के औटोग्राफ का संग्रह (मनमोहन सिंह जी, वी. पी. सिंह जी,
चन्द्र शेखर, राजीव गाँधी जी, इंदिरा गाँधी जी, अमिताभ बच्चन, सचिन
तेंदुलकर, ऋतिक रोशन, लतामंगेस्कर, अटल जी, मायावती जी, मुलायम सिंह जी)
आदि संग्रह को चार चाँद लगा रहे हैं I
पीयूष दादरी वाला पेशे से यांत्रिक इंजिनियर है और एक बहु राष्ट्रीय
कम्पनी में कार्यरत हैं, दादरी वाला तीन पुस्तके भी लिख चुके हैं (गणित
एक अध्यन, इजी इस्पेलिंग व् पीयूष वाणी) I
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Dear sir
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favour of .....
thnxs and regrds
piyushdadriwala
piyushdadriwala